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पुणे नगर निगम चुनाव 2025: कांग्रेस की वापसी की रणनीति
हालिया चुनावी हार के बाद, कांग्रेस ने नगर निगम चुनावों की तैयारी शुरू की है।
PMC चुनाव 2025: कांग्रेस की तैयारी
पुणे में लोकसभा से लेकर नगर निगम तक, पिछले दो पंचवर्षीय कार्यकालों में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। हाल ही में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी पार्टी को शहर में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। लेकिन अब, कांग्रेस ने आगामी नगर निगम चुनावों के लिए कमर कस ली है। पार्टी ने विधानसभा क्षेत्रवार पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करके संगठन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर काम शुरू करने का फैसला किया है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष अरविंद शिंदे ने प्रदेश कांग्रेस के निर्देशानुसार इन नियुक्तियों की घोषणा की है। इन पर्यवेक्षकों को पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें आयोजित करने, नए कार्यकर्ताओं को जोड़ने, और पार्टी की नीतियों को जनता तक पहुँचाने का जिम्मा सौंपा गया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि कांग्रेस को पिछली चुनावी हार से सबक सीखने और अपनी रणनीति में सुधार करने की आवश्यकता है।
पर्यवेक्षकों की नियुक्ति
मध्य पुणे के कसबा, कोथरुड, पर्वती, छावनी, और शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्रों में क्रमशः एडवोकेट अभय छाजेड़, सुनील शिंदे, संजय बालगुडे, दीप्ति चौधरी और अविनाश बागवे को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। उपनगरीय क्षेत्रों वडगांव शेरी और हडपसर के लिए क्रमशः बालासाहेब शिवरकर और सुजीत यादव को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि, खड़कवासला विधानसभा क्षेत्र के लिए अभी तक पर्यवेक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है, लेकिन शहर कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी अजीत दरेकर के अनुसार, यह जल्द ही होगा। इसके अलावा, सहायक पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति की गई है ताकि पर्यवेक्षकों को उनके काम में मदद मिल सके।
कांग्रेस की चुनावी रणनीति
यह स्पष्ट है कि कांग्रेस नगर निगम चुनावों को लेकर गंभीर है। पार्टी ने विधानसभा क्षेत्रवार पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करके एक व्यवस्थित रणनीति अपनाई है। ये पर्यवेक्षक जमीनी स्तर पर काम करेंगे, नए कार्यकर्ताओं को जोड़ेंगे और पार्टी की नीतियों को लोगों तक पहुंचाएंगे। यह रणनीति कितनी कारगर साबित होगी, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन, पिछली चुनावी हार के बाद, कांग्रेस के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
“हमारी कोशिश है कि इस बार हम नगर निगम चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करें,” शहर कांग्रेस अध्यक्ष अरविंद शिंदे ने कहा। “हमने एक मजबूत संगठन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है और जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है।” कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है। उन्हें न केवल अपने कार्यकर्ताओं को संगठित करना होगा, बल्कि जनता का विश्वास भी जीतना होगा।
नई कार्यकारिणी का गठन
हाल ही में हर्षवर्धन सपकाळ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया है और उन्होंने पदभार संभाल लिया है। वह जल्द ही अपनी नई कार्यकारिणी का गठन करेंगे, जिसमें एक महीने से अधिक का समय लग सकता है। नई कार्यकारिणी के गठन के साथ ही कांग्रेस की नगर निगम चुनावों की तैयारी और भी तेज हो जाएगी। लेकिन, पार्टी के अंदर कई नेता नई कार्यकारिणी में अपनी जगह पक्की करने के लिए सक्रियता दिखा रहे हैं। यह आंतरिक राजनीति कांग्रेस की चुनावी तैयारी पर असर डाल सकती है।
नगर निगम चुनावों की तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन कांग्रेस ने पहले ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह दिखाता है कि पार्टी इस चुनाव को कितना महत्वपूर्ण मानती है। अब देखना होगा कि कांग्रेस की ये तैयारी उन्हें सफलता दिला पाती है या नहीं। यह एक रोमांचक चुनाव होने वाला है।