महाराष्ट्र में मनोरंजन कर समाप्त: फडणवीस का बड़ा ऐलान

फिल्म 'छावा', संभाजी महाराज का अपमान, और शिवाजी महाराज की विरासत पर चर्चा

महाराष्ट्र में मनोरंजन कर को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है जिससे फिल्म उद्योग में हलचल मची हुई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हालिया बयान ने इस मुद्दे को और जटिल बना दिया है। आइए जानते हैं पूरी खबर।

राज्य में मनोरंजन कर का अंत

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में एक बड़ा ऐलान किया है जिससे फिल्म उद्योग में हलचल मची हुई है। उन्होंने पुष्टि की है कि राज्य में मनोरंजन कर अब नहीं है, इसे 2017 में ही समाप्त कर दिया गया था। यह ऐलान उन्होंने पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान किया।

फडणवीस ने कहा, "राज्य में पहले से ही मनोरंजन कर समाप्त हो चुका है, इसलिए किसी फिल्म को टैक्स-फ्री करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।" उनके इस बयान से फिल्म निर्माताओं में कुछ निराशा भी हुई है जो टैक्स में छूट की उम्मीद कर रहे थे।

फिल्म 'छावा' और टैक्स-फ्री विवाद

हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म 'छावा' को टैक्स-फ्री करने की मांग को लेकर भी चर्चा चल रही थी। फडणवीस ने स्पष्ट किया कि राज्य में मनोरंजन कर न होने के कारण इस फिल्म को टैक्स-फ्री घोषित करने की कोई ज़रूरत नहीं है।

उन्होंने फिल्म की तारीफ़ करते हुए कहा, "'छावा' जैसी ऐतिहासिक फिल्म बनाने के लिए फिल्म के निर्माता, निर्देशक और मुख्य अभिनेता विक्की कौशल को बधाई।" लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर स्पष्टता प्रदान करने के साथ-साथ फिल्म उद्योग को भी एक स्पष्ट संदेश दिया है।

संभाजी महाराज का अपमान और सरकार की प्रतिक्रिया

छत्रपति संभाजी महाराज के अपमान को लेकर भी फडणवीस ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा, "जो लोग संभाजी महाराज का अपमान कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिवप्रेमी इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे।" यह बयान राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके परिवार को लेकर गहरा सम्मान है।

सरकार ने इस मामले में पहले ही फैसला ले लिया है और अपमान करने वालों को सज़ा देने के लिए काम करेगी। सरकार का यह कठोर रुख जनता में भी प्रशंसा पा रहा है।

शिवाजी महाराज की विरासत का महत्व

मुख्यमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जयंती पर बधाई देते हुए कहा, "हम जो कुछ भी हैं, वह छत्रपति के कारण हैं। उन्होंने हमें स्वाभिमान, आत्मसम्मान और एकता का संदेश दिया।" उन्होंने शिवाजी महाराज के योगदान को याद करते हुए उनके वन और जल संरक्षण, कर व्यवस्था और सुरक्षा तंत्र पर भी ज़ोर दिया।

फडणवीस ने शिवाजी महाराज द्वारा मराठी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिए जाने और प्रशासनिक आदेशों को मराठी में लिखने की शुरुआत करने की भी बात कही। यह ऐतिहासिक तथ्य महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है।

राजनीतिक और आर्थिक पहलू

इस घटनाक्रम में राजनीतिक और आर्थिक दोनों पहलू शामिल हैं। एक ओर, सरकार छत्रपति संभाजी महाराज के सम्मान को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखा रही है। दूसरी ओर, मनोरंजन कर के समाप्त होने का फिल्म उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना बाकी है।

विभिन्न राजनीतिक दल इस मुद्दे पर अपनी अलग-अलग राय रख रहे हैं, लेकिन फडणवीस के बयान ने स्पष्टता प्रदान करने की कोशिश की है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर और भी बहसें हो सकती हैं।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र में मनोरंजन कर का समाप्त होना और छत्रपति संभाजी महाराज के अपमान पर सरकार की सख्त कार्रवाई का यह घटनाक्रम राज्य के राजनीतिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगा। आगे क्या होता है, यह देखना बाकी है।

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