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राजनीतिक सस्पेंस! एकनाथ पवार का भाजपा में स्वागत, महाविकास आघाड़ी में हड़कंप
शिवसेना छोड़कर भाजपा में वापसी, क्या है इस फैसले के पीछे की वजह?
राजनीतिक उलटफेर: एकनाथ पवार का भाजपा में स्वागत
पिंपरी चिंचवड़: महाराष्ट्र की राजनीति में एक और दिलचस्प घटनाक्रम सामने आया है। विधानसभा चुनावों से पहले शिवसेना (उद्धव गुट) में शामिल हुए राज्य संगठक एकनाथ पवार ने हाल ही में भाजपा में दोबारा प्रवेश किया है। नांदेड में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भाजपा का दामन थामा। यह घटनाक्रम राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।
पवार के इस फैसले से महाविकास आघाड़ी में हलचल मची हुई है। हाल ही में कई नेताओं के पार्टी बदलने और आगामी महापालिका चुनावों के मद्देनज़र कई नेता अपने मूल दल में वापस लौट रहे हैं। पवार ने लोहा-कंधार विधानसभा सीट से शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने अपनी हार के लिए शिवसेना नेताओं को ज़िम्मेदार ठहराया और पार्टी छोड़ने का ऐलान किया।
महाविकास आघाड़ी में बेचैनी?
भाजपा के नेतृत्व वाली महायुती सरकार के गठन के बाद से महाविकास आघाड़ी में अस्थिरता देखी जा रही है। नेताओं का एक-दूसरे दल में जाना लगातार जारी है। यह स्पष्ट है कि आगामी चुनावों को देखते हुए दल अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका के पूर्व सत्तारूढ़ दल के नेता होने के नाते पवार के इस फ़ैसले से स्थानीय राजनीति में भी हलचल मची है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पूर्व नगरसेवक मोरेश्वर भोंडवे ने भी हाल ही में शिवसेना ज्वाइन की थी, लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने एनसीपी (अजित पवार गुट) में वापसी कर ली। यह घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि राजनीतिक दल आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए रणनीति बना रहे हैं।
पवार का बयान और भाजपा का स्वागत
नांदेड में भाजपा में शामिल होने के बाद एकनाथ पवार ने कहा, “मुझे विधानसभा चुनाव में किसकी वजह से हार मिली, यह सभी जानते हैं। इसलिए मैंने अपने घर यानी भाजपा में लौटने का फैसला किया है।” उनके इस बयान से यह स्पष्ट है कि उन्होंने अपनी हार का मुख्य कारण शिवसेना के नेतृत्व को माना है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण और सांसद अशोक चव्हाण ने पवार का भाजपा में स्वागत किया। पार्टी ने उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता का स्वागत करते हुए कहा कि उनका पार्टी में शामिल होना भाजपा को मज़बूत बनाएगा।
आगे क्या?
पवार के भाजपा में लौटने का प्रभाव आगामी चुनावों पर ज़रूर पड़ेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह घटनाक्रम अन्य नेताओं को भी अपनी पार्टी बदलने के लिए प्रेरित करेगा। यह भी देखना होगा कि क्या पवार अपनी नई पार्टी में वही प्रभाव और नेतृत्व क्षमता दिखा पाएंगे जो उन्होंने शिवसेना में प्रदर्शित की थी।
इस घटनाक्रम से महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में और भी कई राजनीतिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। हालांकि यह स्पष्ट है कि पवार का यह निर्णय महाराष्ट्र की राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।