संपत्ति कर बकाया: पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम का अनोखा तरीका
एक लाख रुपये से ज़्यादा बकाया वालों की संपत्तियों पर बंद बजाया जाएगा!
कर बकाया पर नगर निगम का अनोखा कदम
पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम (PCMC) ने संपत्ति कर बकाया वसूली के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है। एक लाख रुपये से ज़्यादा कर बकाया रखने वालों की संपत्तियों के सामने बंद बजाया जाएगा। इस कदम से बड़े पैमाने पर बकाया वसूली की उम्मीद है।
बड़े बकाएदारों पर कार्रवाई
नगर निगम ने गैर-आवासीय, औद्योगिक, और मिश्रित संपत्तियों पर ध्यान केंद्रित किया है। निजी संस्थान, स्कूल-कॉलेज, होटल, अस्पताल, पेट्रोल पंप, कारखाने, शो रूम आदि को प्राथमिकता दी जा रही है। 418 संपत्तियों को पहले ही सील किया जा चुका है, जिन पर 11.37 करोड़ रुपये से ज़्यादा का बकाया है। यह कार्रवाई पिछले साल के मुक़ाबले घटते कर संग्रह को देखते हुए की गई है।
कर संग्रह में कमी
अपर आयुक्त प्रदीप जंभाले के निर्देश पर बड़े बकाएदारों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 1,511 संपत्ति मालिकों ने बकाया भुगतान कर दिया है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में बकायेदार हैं। नगर निगम जन जागरूकता अभियान और संपत्ति जब्ती की कार्रवाई जारी रखे हुए है।
नई संपत्तियों का कर निर्धारण
कर संग्रह में सुधार और अप्राप्त संपत्तियों के पंजीकरण के लिए, नगर निगम ने शापत्या कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त किया है। इस सर्वेक्षण में 64,260 नई संपत्तियों का पता लगाया गया है, जिन पर कर लगाया जाएगा।
हाउसिंग सोसायटी पर फोकस
सर्वेक्षण में पाया गया कि 651 हाउसिंग सोसायटियों के 36,980 संपत्ति मालिकों पर 69.56 करोड़ रुपये का बकाया है। इन सोसायटियों के अध्यक्षों को बकाएदारों की सूची सौंपी गई है ताकि वे अपने सदस्यों से बकाया वसूली कर सकें।
बंद वादन की कार्रवाई
बकाएदारों पर दबाव बनाने के लिए, संपत्तियों के सामने बंद बजाया जाएगा। यह कार्रवाई बकाया भुगतान में तेज़ी लाने के लिए की जा रही है। यह एक अनोखा कदम है जिससे नगर निगम को उम्मीद है की बकाया वसूली में बढ़ोतरी होगी।
"हमारा लक्ष्य कर संग्रह में सुधार और पारदर्शिता लाना है। यह कदम बकाएदारों को जल्द से जल्द बकाया भुगतान करने के लिए प्रेरित करेगा।" - अपर आयुक्त प्रदीप जंभाले
निष्कर्ष
पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम का यह अनोखा कदम कर वसूली में कितना कारगर होगा, यह समय ही बताएगा। लेकिन, यह कदम निश्चित रूप से बकाएदारों पर दबाव बनाने में मददगार साबित हो सकता है। इस पहल से अन्य नगर निगमों को भी प्रेरणा मिल सकती है।