बारामती विधानसभा चुनाव 2024: अजित पवार ने शर्मिला पवार के आरोपों को झूठा बताया, फर्जी वोटिंग के दावे पर बोले - चुनाव आयोग करेगा जांच

बारामती: बारामती विधानसभा क्षेत्र में मतदान के दौरान फर्जी वोटिंग को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। महात्मा गांधी बालक मंदिर मतदान केंद्र पर फर्जी वोटिंग के आरोपों के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने तुरंत केंद्र का दौरा किया। पवार ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए कहा, "मुझे अपने कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है। चुनाव आयोग इस मामले की जांच करेगा। यदि आरोपों में सच्चाई होती, तो मेरे पोलिंग एजेंट को बिना वजह निष्कासित नहीं किया जाता।"

अजित पवार ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं ने किसी तरह की धमकी नहीं दी है और सभी गतिविधियां सीसीटीवी कैमरों में दर्ज हैं। उन्होंने कहा, "शर्मिला पवार के सभी आरोप झूठे हैं। हमारे कार्यकर्ता सुसंस्कृत और नियमों का पालन करने वाले हैं। अगर किसी तरह का दबाव या गड़बड़ी हुई है, तो चुनाव अधिकारी उचित निर्णय लेंगे।"

शर्मिला पवार ने आरोप लगाया था कि अजित पवार गुट ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए फर्जी पर्चियों का इस्तेमाल किया और उन पर दबाव बनाया गया। साथ ही उन्होंने दावा किया कि मतदान केंद्र पर उनके पोलिंग एजेंट को जबरदस्ती बाहर निकाला गया।

इसके जवाब में अजित पवार ने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं ने पूरी आचार संहिता का पालन किया है और ऐसा कुछ भी नहीं किया जो अनुचित हो। उन्होंने कहा, "मेरे कार्यकर्ताओं को बिना किसी उचित कारण के मतदान केंद्र से बाहर निकालना गलत है। चुनाव अधिकारी ही इस पर निर्णय ले सकते हैं। अगर शिकायत दर्ज होगी, तो पुलिस जांच करेगी और सच्चाई सामने आएगी।"

चुनाव प्रतिनिधि किरण गुजर ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सवाल किया, "शर्मिला पवार मतदान केंद्र पर किस अधिकार से पहुंचीं? वे उम्मीदवार या अधिकृत प्रतिनिधि नहीं हैं।"

बारामती विधानसभा चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प हो गया है। शरद पवार गुट के उम्मीदवार युगेंद्र पवार और उनकी मां शर्मिला पवार ने आरोप लगाया है कि अजित पवार गुट ने मतदाताओं और कार्यकर्ताओं पर दबाव डाला। वहीं, अजित पवार का कहना है कि जनता को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए और आरोपों को सच्चाई के आधार पर परखा जाना चाहिए।

इस घटना ने बारामती चुनाव में गर्माहट ला दी है। अब सबकी नजरें चुनाव आयोग की जांच और फैसले पर टिकी हैं।

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