5 करोड़ रुपये की जब्ती, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं: युवा कांग्रेस ने उठाए सवाल
5 करोड़ रुपये की जब्ती पर सवाल
पुणे ग्रामीण पुलिस द्वारा खेड़-शिवपुर टोल बूथ पर 5 करोड़ रुपये की नकदी जब्त करने के बाद महाराष्ट्र प्रदेश युवा कांग्रेस ने प्रशासन और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। युवा कांग्रेस का आरोप है कि इस बड़ी रकम की जब्ती के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल
युवा कांग्रेस के महासचिव अक्षय जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इतनी बड़ी रकम के बावजूद न तो पुलिस और न ही चुनाव आयोग की ओर से मामले की जांच या एफआईआर दर्ज करने की कोई ठोस जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रशासन की पारदर्शिता की कमी है।
युवा कांग्रेस के आरोप
अक्षय जैन का आरोप है कि आमतौर पर एक से दो लाख रुपये की जब्ती पर तुरंत एफआईआर दर्ज होती है, लेकिन 5 करोड़ की रकम जब्त होने के बावजूद प्रशासन ने ठोस कार्रवाई नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग, आयकर विभाग और पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह पैसा कहां से आया, किसका था और इसे कहां ले जाया जा रहा था।
युवा कांग्रेस के सवाल: पारदर्शिता पर जोर
युवा कांग्रेस ने इस घटना को लेकर छह सवाल उठाए हैं, जिसमें प्रमुख प्रश्न इस बात को लेकर हैं कि जब्त की गई राशि का स्रोत और इसके मालिक का खुलासा क्यों नहीं किया गया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इस रकम का संबंध चुनावी गड़बड़ी, राजनीतिक फंडिंग, या आचार संहिता के उल्लंघन से है।
आरटीआई आवेदन का जवाब नहीं दिया
जैन ने आरोप लगाया कि पुलिस और चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर आरटीआई आवेदन का जवाब भी नहीं दिया, जबकि आयकर विभाग ने जानकारी देने से इनकार कर दिया है।
जनता के बीच भ्रम, अदालत में उठाने का इरादा
अक्षय जैन ने कहा कि प्रशासन इस मामले में पारदर्शिता नहीं बरत रहा है और जनता को उचित जानकारी नहीं दे रहा है, जिससे लोगों के मन में संदेह और असमंजस पैदा हो रहा है। युवा कांग्रेस ने यह भी ऐलान किया है कि अगर प्रशासन ने इस मामले पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया, तो वे इसे अदालत के माध्यम से आगे ले जाएंगे।
पुणे: हाल ही में खेड़-शिवपुर टोल बूथ पर एक बड़ी कार्रवाई के दौरान पुणे ग्रामीण पुलिस ने 5 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की। इस जब्ती के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिस पर महाराष्ट्र प्रदेश युवा कांग्रेस ने प्रशासन और चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं। युवा कांग्रेस के महासचिव अक्षय जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले में प्रशासनिक पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी बड़ी रकम के बावजूद न तो पुलिस और न ही चुनाव आयोग की ओर से मामले की जांच या एफआईआर दर्ज करने की कोई ठोस जानकारी दी गई है।