महाराष्ट्र में कांग्रेस की सीट शेयरिंग स्ट्रैटेजी: हरियाणा से सबक लेकर हाईकमान का कदम
उद्धव की नाराजगी और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का माहौल गरम हो चुका है, और महाविकास अघाड़ी के भीतर सीट शेयरिंग पर पेंच फंसा हुआ है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर सीटों का बंटवारा नहीं होने दे रहे हैं। इस नाराजगी के बाद कांग्रेस हाईकमान ने हरकत में आकर पटोले को साइडलाइन कर दिया और थोराट को मामले का समाधान निकालने की जिम्मेदारी दी।
पटोले की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और विदर्भ में पेंच
नाना पटोले 2018 में बीजेपी से कांग्रेस में आए और 2019 में विधायक बने। हालांकि, उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने के बाद से पटोले मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा पाले बैठे हैं। विदर्भ क्षेत्र में कांग्रेस की 47 में से 15 सीटों पर जीत के बावजूद पटोले यहां शिवसेना (यूबीटी) को ज्यादा हिस्सेदारी देने के पक्ष में नहीं हैं। इसी तरह मुंबई की सीटों पर भी पटोले की दावेदारी शिवसेना के लिए मुश्किल खड़ी कर रही है।
थोराट के सामने चुनौती
बाला साहेब थोराट, जिनके उद्धव ठाकरे और शरद पवार से अच्छे संबंध हैं, के सामने यह चुनौती है कि वे कैसे पटोले के पेंच को सुलझा पाते हैं। सीटों के बंटवारे में देरी और इंटरनल विवाद कांग्रेस को चुनावों में महंगा पड़ सकता है।