भारत से कनाडा तक गैंगवार: खौफनाक अपराध की कहानी
गैंगवार की गूंज: भारत से कनाडा तक खौफनाक कहानी
भारत और कनाडा के बीच की सीमाएँ केवल भौगोलिक विभाजन नहीं, बल्कि खतरनाक गैंगवार की गवाह भी हैं। यह कहानी है उन युवा पंजाबी युवकों की, जिन्होंने अपराध की दुनिया में कदम रखा और कनाडा में सबसे खतरनाक संगठनों के रूप में उभरे।
प्रारंभिक संघर्ष और गैंग्स का उदय
1970 और 80 के दशक में, जब पंजाबी परिवार रोजगार की तलाश में कनाडा पहुंचे, तो उन्होंने नई जिंदगी शुरू की। लेकिन इन प्रवासियों को स्थानीय समुदाय से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। संघर्ष की इस परिस्थिति में, युवाओं ने अपनी सुरक्षा के लिए हथियार उठाए, जिससे गैंग्स का उदय हुआ।
बिंदी जौहल और गैंगवार का खतरनाक दौर
1990 के दशक के अंत में बिंदी जौहल का नाम उभरा, जिसने “द एलीट” नामक आपराधिक संगठन की स्थापना की। जौहल का गिरोह इतना शक्तिशाली हो गया कि उस पर 30 से अधिक हत्याओं का आरोप लगा।
गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई का आतंक
हाल के समय में, गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई के नाम चर्चा में रहे हैं। बरार, कनाडा में कई हत्याओं में शामिल रहा है, जिसमें पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या भी शामिल है।
निष्कर्ष
1990 के दशक से लेकर आज तक, कनाडा में गैंगवार ने लगभग 165 लोगों की जान ले ली है। गैंग्स की इस हिंसा ने पंजाबी समाज को प्रभावित किया है, जिससे भारतीय और कनाडाई समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
भारत से कनाडा तक फैली यह गैंगवार की कहानी सिर्फ एक अपराध कथा नहीं है, बल्कि एक सामाजिक सच्चाई है, जो आज भी हमारे समाज को चुनौती दे रही है।