शुल्क में अनियमितताओं और संस्थागत कोटा में धांधली के आरोप
जांच के दायरे में आने वाले कॉलेजों की सूची
महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 9 निजी मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ गंभीर जांच शुरू की है। इन कॉलेजों पर संस्थागत कोटा के तहत प्रवेश में अनियमितताओं और छात्रों से विकास शुल्क के नाम पर अत्यधिक शुल्क वसूलने का आरोप है। विभाग ने प्रत्येक कॉलेज की जांच के लिए दो सदस्यों की समिति नियुक्त की है, जो अगले 8 दिनों के भीतर राज्य सामान्य प्रवेश परीक्षा बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
शुल्क में अनियमितताओं और संस्थागत कोटा में धांधली के आरोप
युवा सेना के संयुक्त सचिव कल्पेश यादव ने आरोप लगाया है कि छात्रों से विकास शुल्क के नाम पर ₹50,000 से ₹2 लाख तक की अत्यधिक रकम वसूली जा रही है, जबकि नियमों के अनुसार केवल 10% शुल्क लिया जाना चाहिए। यह शिकायत फीस नियामक प्राधिकरण और चिकित्सा शिक्षा विभाग के पास दर्ज कराई गई थी।
जांच के दायरे में आने वाले कॉलेजों की सूची
जांच के दायरे में आने वाले 9 निजी मेडिकल कॉलेज इस प्रकार हैं:
टेराना मेडिकल कॉलेज, नवी मुंबई
वेदांता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पालघर
डॉ. एन. वाई. तसगांवकर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कर्जत
श्रीमती काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज, पुणे
एमआईएमईआर मेडिकल कॉलेज, तालेगांव दाभाड़े
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज, पुणे
अश्विनी मेडिकल कॉलेज, सोलापुर
प्रकाश इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, सांगली
एमआईएमएसआर मेडिकल कॉलेज, लातूर
जांच प्रक्रिया और जिम्मेदारी
मुंबई के ग्रांट गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज को नवी मुंबई, पालघर और कर्जत के निजी मेडिकल कॉलेजों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुणे जिले के कॉलेजों की जांच बी. जे. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज करेगा। सोलापुर स्थित अश्विनी मेडिकल कॉलेज की जांच डॉ. वैशम्पायन स्मृति राजकीय मेडिकल कॉलेज करेगा, जबकि सांगली स्थित प्रकाश इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च की जांच मिराज के शासकीय मेडिकल कॉलेज को दी गई है। एमआईएमएसआर मेडिकल कॉलेज, लातूर की जांच विलासराव देशमुख गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज करेगा।
अभिभावकों की शिकायतें और शुल्क विवाद
अभिभावकों ने यह भी आरोप लगाया है कि कैंप राउंड के दौरान पिछड़े वर्ग के छात्रों को शुल्क में छूट से वंचित किया जा रहा है। इसके अलावा, कॉलेज विकास शुल्क के नाम पर अभिभावकों से निर्धारित शुल्क से कई गुना अधिक वसूली कर रहे हैं, जो नियमों के विपरीत है।
जांच रिपोर्ट का इंतजार
अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो 8 दिनों के भीतर पेश की जानी है। इस रिपोर्ट के आधार पर संबंधित कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें जुर्माना या अन्य अनुशासनात्मक कदम शामिल हो सकते हैं।