राज ठाकरे ने मराठी को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा मिलने का किया स्वागत

ठाकरे ने इसे मराठी भाषा और मराठी संस्कृति के लिए गर्व का पल बताया

मुंबई: घटस्थापना के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा मराठी भाषा को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा देने के फैसले का महाराष्ट्र भर में जोरदार स्वागत किया जा रहा है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कैबिनेट का धन्यवाद किया। ठाकरे ने इसे मराठी भाषा और मराठी संस्कृति के लिए गर्व का पल बताया।

राज ठाकरे ने मराठी को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा मिलने का किया स्वागत, बताया ऐतिहासिक कदम

राज ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मुंबई में हुई एक सभा के दौरान मराठी भाषा को शास्त्रीय दर्जा देने की प्रमुख मांग की थी। इस मांग के पूरा होने के बाद, ठाकरे ने मराठी लोगों को बधाई दी और कहा कि यह उनके राज्य और भाषा की पहचान को सशक्त करेगा।

राज ठाकरे ने कहा, "यह सिर्फ मेरी मांग नहीं थी, बल्कि महाराष्ट्र के प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा थी कि मराठी भाषा को इसका उचित दर्जा मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार ने यह फैसला लेकर हमारी भाषा को वैश्विक मंच पर मान्यता दिलाई है।"

शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने के लाभ

राज ठाकरे ने इस मौके पर मराठी भाषा को शास्त्रीय दर्जा मिलने के विभिन्न लाभ भी गिनाए। उन्होंने कहा कि इसके बाद मराठी भाषा के अध्ययन, अनुसंधान और साहित्य संग्रहण को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा, देश के सभी विश्वविद्यालयों में मराठी पढ़ाई जाएगी, जिससे इसकी पहुंच और प्रतिष्ठा और बढ़ेगी।

उन्होंने आगे बताया कि शास्त्रीय भाषा के रूप में मराठी के अनुवाद कार्य और प्राचीन ग्रंथों पर शोध को प्रोत्साहित किया जाएगा। महाराष्ट्र के हजारों पुस्तकालयों को सशक्त बनाया जाएगा, और शास्त्रीय भाषा के अध्ययन के लिए केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

मराठी के प्रति ठाकरे का समर्पण

राज ठाकरे ने इस निर्णय के पीछे अपनी वर्षों की मेहनत और समर्पण को रेखांकित करते हुए कहा, "मैंने इस मुद्दे को हमेशा से प्रमुखता दी है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की 2014 की विकास योजना में भी यह मांग प्रमुख थी, और अब करीब 12 साल के लंबे संघर्ष के बाद इसे साकार होते देखना खुशी की बात है।"

उन्होंने मराठी जनता से इस भाषा को और आगे बढ़ाने की अपील की, "हर इंसान अपनी भाषा के साथ पैदा होता है, और मराठी हमारी पहचान है। हमें इसे अब ज्ञान, व्यापार और वैश्विक विचारों की भाषा बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।"

राज ठाकरे ने इस फैसले को मराठी भाषा और संस्कृति के विकास के लिए मील का पत्थर बताया और कहा कि यह मराठी लोगों के लिए गर्व और उत्साह का क्षण है।

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